ई-मेंल/सामान्य डाक/तीव्र डाक/पंजिकृत सेवा
1.
श्रीमति मीरा कुमार, माननीय अध्यक्ष लोकसभा भारत, लोकसभा कार्यालय 17 संसद भवन नई दिल्ली-110001
2.
जनाब मोहम्मद हामिद अंसारी माननीय सभापति राज्य सभा, वाईस प्रेसिडेंट हाऊस, 6 मौलाना आजाद रोड़,नई दिल्ली
पत्र क्रमांक चेन-2/भारतीय प्रशासन/जिम्मेवारी विधेयक/एन॰ सी॰/भारत दिल्ली 18.09.2010
विषयरू-देशहित, कानूनहित, कानून और व्यवस्थाहित, जनहित में प्रशासन की कार्यशैली मे पारदर्शिता और ईमानदारी लाने हेतू भारत के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्नस्तर कर्मचारियों के द्वारा उनके कर्त्तव्यों की पालना कराने के लिए सूचना काअधिकार अधिनियम 2005 के समकक्ष एक जिम्मेवारी विद्येयक लाने हेतू जनहित अपील। (जोसरकार के सभी प्रकार के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्न स्तर केकर्मचारियों को अपने कर्त्तव्य का निर्वाह के लिए बाध्य करें।)
श्रीमान्/श्रीमति जी,
सविनय निवेदन है कि हमारी सोसायटी दिल्ली उच्च न्यायालयके तत्कालीन महामहीम न्यायधीश एवं वर्तमान लोकपाल दिल्ली मनमोहन सरीन के आदेश पर (याचिका क्रमांक 3390 वर्ष 2000 राजेश भारती बनाम भारत सरकार) सोसायटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1860 के अर्न्तगत भारत सरकार के द्वारा पंजिकृत है तथा हमारा सोसायटी कार्यालय लगभग 10 से 12 वर्षो से पूरे भारत मे बढ़ रहे भ्रष्टाचार और अपराधों को जड़से मिटाने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कर रहा है और नागरिकों के हर कष्टों व परेशानियों का निवारण नागरिकों की प्रार्थना पर उनके प्रतिनिधि के रूप में शान्तिपूर्ण तरीके से सरकार और प्रशासन के साथ पत्राचार करके, मिंटिगें लेकर और आवश्यकता अनुसार न्यायपालिका की सहायता पाकर करता है। हमारी सोसायटी के सभी पदाधिकारी और सदस्य अवैतनिक है।
यह है कि हमारा सोसायटी कार्यालय लगातार 10 से 12 वर्षों से अपने मुख्य उद्देशय देश से भ्रष्टाचार और अपराधों को समाप्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त हमारी सोसायटी के सभी पदाधिकारी और सदस्य आम जनता को कानून और प्रकिया संहिताओं के अनुसार सभी अधिकारियों के कर्त्तव्यों (डयूटी) के प्रति जागरूक कर रहे है। ताकि उस ज्ञान का उपयोग कर के जनसाधारण भी हमारे सोसायटी के मुख्य उद्देष्य भ्रष्टाचार और अपराधों की रोकथाम मेंहमारा सहयोग दे। हमारे सोसायटी कार्यालय से जुडे सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और जनसाधारण के द्वारा यह अनुभव किया जा रहा है कि भ्रष्टाचार की जड़ प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी ही होते है। इसके अतिरिक्त हमारे सोसायटी कार्यालय से जुड़े हरक्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग का भी यही मानना है। सोसायटी के पदाधिकारियों वसदस्यों के द्वारा जब जनसाधारण और विद्वानों की चर्चा या मिटिंगे होती है तो यहीमुद्दा सामने आता है कि जब प्रशासन के अधिकारी ही भ्रष्ट होगे तो भ्रष्टाचार पररोक कैसे लगाई जा सकती है।
भारतीय लोक सभा और राज्य सभा द्वारा एक ऐसा ही विधेयक पास किया गया है। जिसका नाम सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 है। जो भारतीय प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के लिए और भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिएबनाया गया है। लेकिन इस विधेयक में भी जनसूचना अधिकारी के अलावा किसी की भी जिम्मेवारी निर्धारित नही की गयी है। जिसके कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की पूरे भारत मे सरेआम अवमानना हो रही है। जिसका मुख्य कारण यह है कि इस अधिनियम केअर्न्तगत जनसूचना अधिकारी तो दण्डित हो सकता है। लेकिन अगर प्रथम अपील प्राधिकरणऔर द्वीतीय अपील प्राधिकरण के द्वारा इस अधिनियम की अवमानना की जाये तो वह दण्डित नही किया जा सकता और अपील प्राधिकरण अधिकारी के गैरकानूनी आदेषो के विरूध न्यायपालिका की सहायता भी नही ली जा सकती और आपको यह भी सूचित किया जाता है कि पूरे भारत में प्रथम अपील प्राधिकरण उसी विभाग के अधिकारी होते है। जिस विभाग के जनसूचना अधिकारी होते हैं। अब आप ही अंदाजा लगा सकते है कि जिस विभाग में भ्रष्ट गतिविधियां चल रही हो तो उस गतिविधि की जनसूचना अनुरोधकर्ता विभाग के जनसूचना अधिकारी से अपने अनुरोध पत्र में मांगे और वह सूचना अधिनियम 2005 की धारा- 7 की अवेलना करके जनसूचना नही दे तो उसी विभाग का अधिकारी जो प्रथम अपील प्राधिकरण है। जिसके नेतृत्व में यह भष्ट गतिविधियां चल रही हो तो क्या वह उसे दण्ड देगा? बिलकुल नही। क्योंकी हर विभाग में भ्रष्ट गतिविधियां विभाग के बड़े अधिकारियों के नेतृत्व मे हो रही है। अगर विभाग का बड़ा अधिकारी ईमानदार है तो उस विभाग में भ्रष्ट गतिविधियां बहुत कम होती है।
यह है कि उपरोक्त पहरे का उदाहरण निम्नहस्ताक्षकर्ता के द्वारा इसलिए दिया गया है कि भारतीय लोकसभा और राज्य सभा के द्वारा अधिनियम तो पासकरके बना दिये जाते है। लेकिन उनकी पालना करवाने के लिए किसी भी प्रकार के प्रशासनिक अधिकारीयों और कर्मचारियों की कर्त्तव्य बाघ्यताए (कम्पलसरी डयूटी) निश्चित नही की जाती है। उस अधिनियम की पालना करवाने के लिए जिम्मेवारी और दण्ड निश्चित नही किया जाता है। भारत में हर विभाग की संहिताए होती है। लेकिन उस संहिता की पालना कराने के लिए विभाग के किसी भी अधिकारी की कानूनी बाध्यताए तय नही की जाती है और उस विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी उस लागू संहिता का सरेआम उल्लधन करते है। क्योंकी संहिता की पालना करवाने की जिम्मेवारी और उल्लघन करने पर कोई दण्ड का प्रावधान ही नही होता है।
उपरोक्त पहरों में लिखी गई बातों से हमारे सोसायटी कार्यालय ने यह विचार किया की क्यों न हमारा सोसायटी कार्यालय आप दोनों के द्वारा पूरे लोकसभा सदस्यों और राज्य सभी सदस्यों का ध्यान मांग पर दिलाया जाए। आप लोकसभा सदस्यों और राज्य सभा सदस्यों को सलाह देकर लोकसभा और राज्य सभा में एक अध्यादेश पारित कराए जो राष्ट्रीय स्तर पर एक ऐसा विधेयक पास कराए कि कार्यपालिका में सरकारका कार्य करने वाले सभी प्रशानिक अधिकारी और निम्न से निम्न स्तर के कर्मचारियोंको अपने कर्त्तव्यों (डयूटी) की पालना करने में बाघ्य करे और उस की अवमानना करनेपर उस अधिकारी और कर्मचारी का भी दण्ड निश्चित हो। जिससे प्रशासन के सभी अधिकारी और कर्मचारी ईमानदारी से अपने कर्त्तव्यों (डयूटी) की पालना करें और समाज से भ्रष्टाचार और अपराधों को जड़ से मिटाया जा सके।
अतः निम्नहस्ताक्षरकर्ता सोसायटी की पूर्ण राष्ट्रीय कार्यकारिणी और भारत के राज्यों की कार्यकारिणी की तरफ से आप दोनों से प्रार्थना करता है कि आप दोनो सदनों के पक्ष विपक्ष के मान्य सदस्यों से विचार विर्मश करके देशहित, कानूनहित और व्यवस्थाहित और जनहित में राष्ट्रीय स्तर पर प्रशासन की कार्यशैली मे ईमानदारी लाने हेतू भारत के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्न कर्मचारियों के द्वारा अपने कर्त्तव्यों की पालना कराने के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के समकक्ष एक जिम्मेवारी विद्येयक लाकर पास करवाने की कृपा करें। जिससे देश की साधारण जनता जो सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से त्रस्त है। उसेराहत मिल सकें। प्राशासनिक अधिकारी और कर्मचारी अपना निकम्मेपन और भ्रष्ट गतिविधियों को छोड़कर अपने कर्त्तव्यों (डयूटी) की पालना करना शरू कर दे औरदेश की दिन-दुगनी रात चैगनी तरक्की हो सके। इसलिए निम्नहस्ताक्षरकर्ता आपसे पुनःनिदेवन करता है कि देशहित मे हमारी सोसायटी की विष्योक्त मांग को आप दोनों पूर्णकराने की कृपा करें। आपकी अति कृपा होगी।
-हस्ता॰-
(राजेश कुमार भारती)
पीप्ल्स आल इन्डिया एन्टी करपषन एन्ड क्राईम प्रिवेन्षन् सोसायटी
मुख्य कार्यालयः- डब्ल्यू जैड- 90ध्5,केषोपुर गांव, विकासपुरी, नई दिल्ली- 110018,
मोबाईल सम्पर्क न॰ .9013485315 (दिल्ली) 9466037306 (हरियाणा),
निजि सहायकः 9654193112, 8802861013
इस जनहित अपील की एक-एक प्रति निम्नलिखित को विष्योक्त जनहित मांग को पूरी करानेके लिए सहयोग देने बारे प्रेषित हैः-
1.श्रीमति प्रतिभा पाटिल सिंह- महामहिम राष्ट्रपति भारत, राष्ट्रपति भवन।
2.सरदार मनमोहन सिंह- माननीय प्रधानमंत्री भारत सरकार, साऊथ ब्लाक, रैसिना हाल, नई दिल्ली- ११०१०१
3.श्री पी. चिदम्बरम्- माननीय गृहमंत्री, भारत सरकार, नार्थ ब्लाक, केन्द्रीय सचिवालय, नई दिल्ली- ११००११
4.श्रीमति सोनिया गांधी- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्षा, भारतीय काग्रेस पार्टी, 24 अकबर रोड़, नई दिल्ली-११००११
5.श्री नीतीश गड़करी- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जनता पार्टी, 11 अशोका रोड़, नई दिल्ली- ११००११
6.सुश्री मायावती- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्षा, बहुजन समाज पार्टी एवं मुख्यमंत्री उŸार प्रदेश सरकार, लखनऊ।
7.श्री प्रकाश करात- माननीय राष्ट्रीय महासचिव भारतीय कम्यूनिसट पार्टी (मार्कष्वादी) सैन्ट्रल कमेटी, ए॰ के॰ गोपालन भवन, 27-29, भाई वीर सिंह मार्ग, नई दिल्ली- 110001
8.ए॰ बी॰ बर्मन- माननीय राष्ट्रीय महासचिव, भारतीय कम्नयुष्ट पार्टी, मुख्यालय- अजोय भवन, कोटला मार्ग, नई दिल्ली- ११०००२
9.श्री शरद पंवार- माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रवादी काग्रेस पार्टी, मुख्यालय- 10 बिसम्बर दास मार्ग, नई दिल्ली- ११०००१
10.श्री लालू प्रसाद यादव- भूतपूर्व रेल मंत्री एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष- राष्ट्रीय जनता दल, 13 वी.पी. हाऊस, रफी मार्ग, नई दिल्ली- ११०००१
11.चैधरी ओम प्रकाश चैटाला- माननीय अध्यक्ष, इण्डियन नेश्नल लोक दल पार्टी, मुख्यालय 18 जनपथ, नई दिल्ली।
12.श्री एच.डी देवगौडा पूर्व प्रधानमंत्री भारत एवं राष्ट्रीय नेता- जनता दल (सक्यूलर), 14- ए, फिरोजशाह रोड़, नई दिल्ली- ११०००१
13.रामविलास पासवान- अध्यक्ष, लोक जन शक्ति पार्टी, मुख्यालय- 14, जनपथ, फिरोजशाह मार्ग, नई दिल्ली- ११०००१
14.मुलायम सिंह यादव- अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी, मुख्यालय- विक्रमादित्य मार्ग, लखनऊ, उŸार प्रदेश।
15.बाबा साहेब ठाकरे- अध्यक्ष, शिव सेना, सेना भवन मुम्बई।
16.चैधरी अजीत सिंह- अध्यक्ष, राष्ट्रीय लोकदल, 84- डी, तिकोना पार्क, जामिया नगर, नई दिल्ली- 25
नोटः सभी माननीय लोकसभा व राज्य सभा सदस्यों को ई-मेल मा/यम से प्रेषित है।
जो प्रिंट मिडिया एवं इलैक्ट्रोनिक्स मिडिया अपने आपको जनता का समाचार पत्र और चैनल कहती है और घोटालो के होने पर बार-बार चर्चाए करके भ्रष्टाचार के बारे में प्रशासन को दोष देती रहती है। उनकों हमारी सोसायटी की इस जनहित अपीलध्मांग को पूर्ण कराने के लिए इस मांग को पुरजोर से जनता के बीच प्रचार और प्रसार के लिए जनहितार्थ अपील की जाती हैरू-
17मुख्य संपादक, नव भारत, 3, इण्डियां पै्रस काम्पलैस, रामगोपाल महेशवरी मार्ग,ए॰पी॰ नगर, भोपाल-462011१८
17मुख्य संपादक, दैनिक भास्कर हिन्दी समाचार पत्र , डी- 143, सैक्टर- 63, नोयडा, उत्तर प्रदेश।
19. मुख्य संपादक, दॉ टाईम्स ऑफ इण्डियां, 9-10, प्रथम तल,बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली- 110002
20. मुख्य संपादक, नवभारत टाईम्स, मुख्य कार्यालयः 7 टाईम्सहाउस बिल्ड़िंग, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली- 110002
21. मुख्य संपादक, दैनिक जागरण, कार्यालय दिल्लीः डी- 402,डिफेन्स कालोनी, नई दिल्ली- 110024
22. मुख्य संपादक, अमर उजाला, कार्यालयः सी- 21, सैक्टर- 59,नोएड़ा- 201301, उत्तर प्रदेश।
23. मुख्य संपादक, राजस्थान पत्रिका, कार्यालयः राजस्थानपत्रिका प्राईवेट लिमेटड़, केसरगढ़, जे॰एल॰एन॰ मार्ग, जयपुर- 302004, राजस्थान।
24. मुख्य संपादक, राष्ट्रीय सहारा, कार्यालयः 1103, सूर्य किरणबिल्ड़िंग, 19 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली- 110001
25. प्रभु चावल- संपादक, इण्डियां टुडे एण्ड गु्रप एडीटोरनलडारयेक्टर, एफ- 14ध्15 कनाट पलैस, नई दिल्ली- 110001
26. श्रीमान हेमन्त शर्मा- डारेयक्टर न्यूज, इन्डिपैन्डैट न्यूजसर्विस प्रावेईट लिमेटिड़, प्लाट न॰ 17 बी एण्ड सी, फिल्म सिटी, सैक्टर- 16 ए, नोएड़ा- 201301
27. सुभाष गोयंका- चेयरमैंन, जी न्यूज चेनल, बी- 10, एसल हाऊस,लारेन्स रोड़, इन्डट्रियल एरिया, नई दिल्ली- 110035
28. आनन्द लाटवाल- सहायक उपाध्यक्ष, स्टार न्यूज चैनल, ए- 37,सैक्टर- 60, नोयडा- 201307, उŸार प्रदेश।
इसके उपरान्त राष्ट्रीय अध्यक्ष (युवा) के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के अर्न्तगत जनसूचना अधिकारी कार्यालय माननीय सभापति लोकसभा से दिनांक 09.11.2010 को तीव्र डाक सेवा से जनसूचना मांगी गई।
हमारे उपरोक्त मांगपत्र पर महामहीम राष्ट्रपति के अतिरिक्त सिर्फ बिहार के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री नितिश कुमार जी ने अमल लाया है और वे अपने राज्य में एक ऐसा ही अधिनियम बना कर प्रशानिक अधिकारियों को जिम्मेवार बना रहे है। जिसका सोसायटी कार्यालय तहे दिल से स्वागत करता है और नितिश कुमार को उनको हर जनहित कार्य मे सहयोग देने के वादा करता है। सोसायटी कार्यालय को मानना है कि बाकि सब दल बेकार की और अपने लाभ की राजनिति कर रहे है। लेकिन अब जनता जागरूक हो चुकी है। जिसका जवाब बिहार की जनता ने दे दिया है। अगर आप जन साधारण के समस्याओं को ध्यान में नही देंगें तो जनता का ध्यान आपसे हट जाऐगा।
इसके अतिरिक्त यह सोसायटी कार्यालय समस्त समाचार पत्रों और दूरदशनों की आलोचना करता है। क्योंकी अगर कोई अच्छा कार्य करता है तो उसको नही दिखाया जाता है। लेकिन घोटाले बाजों का निःशुल्क विज्ञप्ति कर दिया जाता है। जिसका उदहारण नीतिश जी की घोषणा है। जिसको किसी भी समाचार पत्रों और दूरदर्शनों ने नही सराहा।
महामहीम राष्ट्रपति महोदया के द्वारा दी जाने वाली प्रतिक्रियां का प्रारूप आपके सामने पेश है।
फ.स. 11ध्5ध्2010-आई आर (पार्ट-।।।)
कार्मिक लोक शिकायत एवं पेशन मंत्रालय
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग
नार्थ ब्लाक, नई दिल्ली
दिनांक 11 नवम्बर 2010
सेवा में
राजेश कुमार भारती
पीप्लस आल इन्डिया एन्टी
करपशन एण्ड क्राईम प्रिवेन्शन्
सोसायटी, डब्लयू जेड- 90ध्5
केशोपुर गाँव, विकासपुरी
नई दिल्ली- 110018
विषयः सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 में संशोधन हेतू कुछ सुझाव।
महोदय
उपरोक्त विष्यान्तर्गत राष्ट्रपति कार्यालय के पत्र दिनांक 27 सितम्बर 2010 के द्वारा भेज गए आपके पत्र दिनांक 18सितम्बर 2010 के संदर्भ में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि आप द्वारा भेज गएसुभाव की हमा सराहना करते है सरकार के पास अधिनियम मे संशोधन करने का प्रस्ताव हैअधिनियम में जब भी संशोधन किया जाऐगा पहले हितधारकों से परर्मश किया जाऐगा।
भवदीय
-हस्ता॰-
(आर.के. गिरधर)
अवर सचिव (आर.टी.आई.)
दूरभाष २३०९२७५९
महामहीम राष्ट्रपति महोदया के द्वारा प्रतिक्रिया तो दी गई लेकिन मुख्य मुद्दे से हट कर दी गई। क्योंकी सोसायटी कार्यालय के द्वारा अपील दिनांक 18.10.2010 में केवल सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की कमियां का जिक्र किया गया था न कि उसमें संसोधन की अपील। इसके बाद सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष (युवा) ने फिर सोसायटी कार्यालय की मुख्य अपील को दिनांक 30.11.2010 महामहीम राष्ट्रपति महोदया के ध्यानार्थ भेजा है और यह सोसायटी कार्यालय ष्जिम्मेवारी विधेयकष् को जन-2 मे ले जाकर इसे अधिनियम का रूप देने तक सर्घष करता रहेगा। इस मिशन में जो भी समाचार पत्र, दूरदर्शन और राजनैतिक व्यक्ति या राजनैतिक दल सोसायटी कार्यालय का सहयोग देगा। उसका सोसायटी कार्यालय तहे दिल से स्वागत करता है।
महामहीम को भेजी गई अपील दिनांक 30.11.2010 का प्रारूप निम्न है
ई-मेंलध्सामान्य डाकध्तीव्र डाकध्पंजिकृत सेवा
सेवा में,
श्रीमति प्रतिभादेवी सिंह पाटिल
महामहीम राष्ट्रपति- भारत, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली-110004
पत्र क्रमांक चेन-3ध्भारतीय प्रशासनध्जिम्मेवारी विधेयकध्एन॰ सी॰ध्भारत-दिल्ली दिनांक- 30.11.2010
विषयरू-
लोकसभा और राज्यसभा के माननीय सभापतियों को आदेष देकर देशहित, कानूनहित, कानून और व्यवस्थाहित, जनहित में प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने हेतू भारत के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्न स्तर कर्मचारियों के द्वारा उनके कर्त्तव्यो की पालना कराने के लिए ष्जिम्मेवारी विद्येयकष् लाने हेतू जनहित अपील। जो सरकार के सभी प्रकार के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्न स्तर के कर्मचारियों को अपने कर्त्तव्यो का निर्वाह के लिए कानूनीरूप से बाध्य करें।
श्रीमति जी,
आपके पत्र सं पीआईध्ईध्27091000241 दिनांक 22 सितम्बर 2010 और आपके आदेश पर आर॰के॰ गिरधर- अपर सचिव (आर.टी.आई.) कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, नार्थ ब्लाक, नई दिल्ली के पत्र सं॰ 11ध्5ध्20100-आई.आर. (पार्ट-।।।) दिनांक 11.11.2010 के पत्र के सर्दंभ में निम्नलिखित प्रस्तुत है।
यह है कि हमारा सोसायटी कार्यालय लगातार 10 से 12 वर्षों से अपने मुख्य उद्देशय देश से भ्रष्टाचार और अपराधों को समाप्त करने के लिए युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त हमारी सोसायटी के सभी पदाधिकारी और सदस्य आम जनता को कानून और प्रकिया संहिताओं के अनुसार सभी अधिकारियों के कर्त्तव्यों (डयूटी) के प्रति जागरूक कर रहे है। ताकि उस ज्ञान का उपयोग करके जनसाधारण भी हमारे सोसायटी के मुख्य उद्देष्य भ्रष्टाचार और अपराधों की रोकथाम में हमारा सहयोग दे। हमारे सोसायटी कार्यालय से जुडे सभी पदाधिकारियों, सदस्यों और जनसाधारण के द्वारा यह अनुभव किया जा रहा है कि भ्रष्टाचार की जड़ प्रशासन के अधिकारी और कर्मचारी ही होते है। इसके अतिरिक्त हमारे सोसायटी कार्यालय से जुड़े हर क्षेत्र के बुद्धिजीवी वर्ग का भी यही मानना है। सोसायटी के पदाधिकारियों व सदस्यों के द्वारा जब जनसाधारण और विद्वानों की चर्चा या मिटिंगे होती है तो यही मुद्दा सामने आता है कि जब प्रशासन के अधिकारी ही भ्रष्ट होगे तो भ्रष्टाचार पर रोक कैसे लगाई जा सकती है।
प्रशासनिक अधिकारीयों और कर्मचारियों की कर्त्तव्य बाघ्यताए (कम्पलसरी डयूटी) निश्चित नही की गई है। सरकार के द्वारा किसी भी सरकारी कार्य करने के लिए सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों की जिम्मेवारी और दण्ड निश्चित नही किया गया है। भारत में हर विभाग की संहिताए है। लेकिन उस सम्बन्ति संहिता की पालना कराने के लिए विभाग के किसी भी अधिकारी की कानूनी बाध्यताए तय नही की गई है और उस विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी उस लागू संहिता का सरेआम उल्लधन करते है। क्योंकी संहिता की पालना करवाने की जिम्मेवारी और उल्लघन करने पर कोई दण्ड का प्रावधान ही नही है।
उपरोक्त पहरों में लिखी गई बातों से हमारे सोसायटी कार्यालय ने यह विचार किया की क्यों न हमारा सोसायटी कार्यालय सभी लोकसभा सदस्यों और सभी राज्य सभा सदस्यों का ध्यान इस समस्या पर दिलाया जाए। जिसके लिए सोसायटी कार्यालय ने माननीय सभापति लोकसभा व राज्यसभा को पत्र क्रमांक चेन- 1ध्भारतीय प्रशासनध्जिम्मेवारी विधेयकध्एन॰ सी॰ध्भारत-दिल्ली दिनांक- 18.09.2010 भेजकर जिम्मेवारी विधेयक पास कराने की मांग की। इसी पत्र को लगभग सभी राजनैतिक दलों के माननीय नेता, सभी राज्य सभा और लोकसभा के सदस्यों और समाचार पत्रों व न्यूज चैनल के संपादकों को तीव्र डाक सेवाध्पंजिकृत डाक सेवाध्ई-मेल के माध्यम से भेज दिया गया था। लेकिन आपके अतिरिक्त इस सोसायटी कार्यालय को किसी ने भी प्रतिक्रिया नही दी है और आपने भी जो प्रतिक्रिया भिजवाई है। वह हमारी जनहित अपील से बिलुकल भिन्न है। क्योंकी आपके आदेष पर अपर सचिव ने सोसायटी कार्यालय को यह संदेष भेजा है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 सरकार के पास संसोधन के लिए प्रस्ताव है। अधिनियम में जब भी संसोधन किया जाऐगा पहले हितकारकों से परार्मष लिया जाऐगा।
यह है कि महामहीम राष्ट्रपति महोदया जी हमने अपने उपरोक्त जनहित अपील पत्र दिनांक 18.09.2010 मे केवल सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की कमियों की चर्चा की थी न कि उसमें संसोधन की मांग या अपील की थी। हमारा सोसायटी कार्यालय एक ऐसा विधेयक ष्जिम्मेवारी विधेयकष् चाहता है। जिससे सरकार के द्वारा नियुक्त किए गए जनसेवक (सरकारी कर्मचारी) चाहे वे उच्च पद पर हो या फिर निम्न से निम्न स्तर पर हो। विधेयक के द्वारा हर जनसेवक (सरकारी कर्मचारी) कानूनीरूप से उनका कर्त्तव्य (डयूटी) निभाने के लिए बाध्यताएं हो और किसी भी कार्य करने का समय निश्चित किया जाए। उदाहरणतः कोई साधारण नागरिक किसी समस्या के समाधान लिए सम्बन्धित विभाग में जाता है तो उसकी समस्या के समाधन के लिए निम्न से निम्न और उच्च से उच्च स्तर पर रिश्वत के बिना कार्य नही होता। जैसे किसी नागरिक को अपना प्रमाणपत्र बनावना है तो उसका प्रमाणपत्र बिना रिश्वत के नही बन सकता। इसके अतिरिक्त किसी भी समस्या का समाधान बिना रिश्वत के संभव नही है। ऐसा इसलिए है कि उस समस्या के समाधान के लिए किसी अधिकारी व कर्मचारी की कानूनीरूप से जिम्मेवारी निश्चित नही है। प्रार्थनाध्शिकायत करने पर डायरी नम्बर नही दिया जाता है और उस समस्या का समाधान करने का समय भी निश्चित नही है। अगर ष्जिम्मेवारी विधेयकष् लाकर भारत के सभी विभागों के उच्चाधिकारियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की कानूनीरूप से बाध्य बना दिया जाए और आम नागरिक को अपनी प्रार्थनाध्शिकायत का डायरी नम्बर मिले और हर की समस्या के समाधान का समय निश्चित हो जाए तो भ्रष्टाचार और भ्रष्ट गतिविधियां स्वतः ही धीरे-2 जड़ से समाप्त हो जाऐगी। लेकिन अब बिलकुल उल्ट है। अगर आम नागरिक ने रिश्वत दे दी या फिर किसी की सिफारिस करवा दी तो नागरिक की हर समस्या का समाधान हो जाता है और रिश्वत नही दी या सिफारिस नही करवाई तो नागरिक की शिकायतध्प्रार्थना को फाईलों मे बन्द करके कूड़े की तरह एक तरह फैक दिया जाता है। मजबूर होकर नागरिक को न्यायापालिका की सहायता लेनी पडती है। जिससे न्यायापालिका के ऊपर भी व्यर्थ को बोझ बढ़ रहा है।
अतः निम्नहस्ताक्षरकर्ता, सोसायटी की पूर्ण राष्ट्रीय कार्यकारिणी और भारत के राज्यों की सभी शाखा कार्यकारिणीयों की तरफ से आपको हाथ जोड़कर प्रार्थना करता है कि आप माननीय लोकसभा और राज्य सभा के सभापतियों को निर्देश दे कि वे दोनो सदनों के पक्ष विपक्ष के मान्य सदस्यों की दोनों सदनों में खुली बहस करवाए और एक समिति गठित करके देशहित, कानूनहित और व्यवस्थाहित और जनहित में प्रशासन की कार्यशैली में पारदर्शिता और ईमानदारी लाने हेतू भारत के प्रशासनिक अधिकारियों और निम्न से निम्न स्तर कर्मचारियों के द्वारा उनके कर्त्तव्यो की पालना कराने के लिए ष्जिम्मेवारी विद्येयकष् लाकर पास करवाने की कृपा करें। जिससे देश की साधारण जनता जो सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से त्रस्त है। उसे राहत मिल सकें। प्राशासनिक अधिकारी और कर्मचारी अपना निकम्मेपन और भ्रष्ट गतिविधियों को छोड़कर अपने कर्त्तव्यो (डयूटी) की पालना करना शरू कर दे और देश की दिन-दुगनी रात चैगनी तरक्की हो सके। आपकी अति कृपा होगी।
(किरण प्रताप) राष्ट्रीय अध्यक्ष (युवा विंग)
पीप्ल्स आल इन्डिया एन्टी करपषन एन्ड क्राईम प्रिवेन्षन् सोसायटी
मुख्य कार्यालयः- डब्ल्यू जैड- 90ध्5, केषोपुर गांव, विकासपुरी, नई दिल्ली- 110018,
निम्नलिखित को हमारे सोसायटी कार्यालय की जनहित अपील पर आवश्यक कार्यवाही हेर्तू प्रेषित हैः-
1.
श्रीमति मीरा कुमार, माननीय लोकसभा अध्यक्ष भारत, 17 संसद भवन नई दिल्ली।
2.
जनाब मोहम्मद हामिद अंसारी, मननीय सभापति राज्य सभा, वाईस प्रेसिडेंट हाऊस, नई दिल्ली-110011
3.
श्री आर॰के॰ गिरधर- अपर,सचिव-(आर.टी.आई.) कार्मिक लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग,, नई दिल्ली।
4.
बाई नेम, महामहिम मुख्य न्यायाधीश, उच्चत्म न्यायालय भारत, तिलक मार्ग नई दिल्ली- 110001 से प्रार्थना की जाती है कि आप भारत सरकार व राज्य सरकारों का ध्यान इस जनहित अपील की तरफ दिलाए। जिससे न्यायपालिका के ऊपर जो व्यर्थ का बोझ पड़ रहा है। वह कम हो और भारतीय नागरिक को न्याय जल्द से जल्द मिल सकें।
5.
सभी राज्य सभा और लोकसभा सदस्यों को उनके ई-मेल पर प्रेषित किया जाता है।
यह सोसायटी कार्यालय प्रिंट मिडिया एवं इलैक्ट्रोनिक्स मिडिया दोनों की आलोचना करता है क्योकी आप घोटालो के होने पर बार-बार चर्चाए करके भ्रष्टाचार में प्रशासन का दोष साबित करते है। लेकिन हमारी सोसायटी की विष्योक्त जनहित अपीलध्मांग दिनांक 18.09.2010 को पूर्ण कराने के लिए कोई भी प्रिट मिडिया और कोई भी इलैक्ट्रोनिक्स मिडिया का संपादक या, पत्रकार सामने नही आया। क्या इसे पत्रकारिता कहते है? हमारा सोसायटी कार्यालय मानता है कि आप लोग भी भ्रष्टचार को बढावा दे रहे है। क्योंकी कोई नया घोटाला या भ्रष्ट गतिविधि नही होगी तो आपके पास समाचार कहां से आऐगा। जो कि सैविधानिकतौर पर अपराध है। भारत में कोई भी सच्चा पत्रकार नही बचा है जो हमारी इस मांग को पूर्ण कराने में हमारा सहयोग करें। अतः अगर आप सबमें अब कुछ पत्रकारिता बची है तो यह सोसायटी कार्यालय आपसे पुनः पुरजोर अपील करता है कि आप विष्योक्त जनहित अपील को जनसाधारण में ले जाकर अपने लेखों और कार्याक्रमों में विभिन्न प्रकार से चर्चा में का विषय बनाए। बेशक आप हमारी सोसायटी का नाम तक न ले। हमारा सोसायटी कार्यालय नाम पर नही काम पर विश्वास करता है। अतः अपीलकर्ता आप सभी से पुनः नम्र निवेदन करता है कि आप जनसाधारण को जागरूक करके इस जिम्मेवारी विधेयक को पास कराने में हमारे सोसायटी कार्यालय का सहयोग करेंरू-
1.मुख्य संपादक, नव भारत, 3, इण्डियां पै्रस काम्पलैस, रामगोपाल महेशवरी मार्ग, ए॰पी॰ नगर, भोपाल-462011
2.मुख्य संपादक, दैनिक भास्कर हिन्दी समाचार पत्र , डी- 143, सैक्टर- 63, नोयडा, उŸार प्रदेश।
3.मुख्य संपादक, दॉ टाईम्स ऑफ इण्डियां, 9-10, प्रथम तल, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली- 110002
4.मुख्य संपादक, नवभारत टाईम्स, मुख्य कार्यालयः 7 टाईम्स हाउस बिल्ड़िंग, बहादुरशाह जफर मार्ग, नई दिल्ली- 110002
5.मुख्य संपादक, दैनिक जागरण, कार्यालय दिल्लीः डी- 402, डिफेन्स कालोनी, नई दिल्ली- 110024
6.मुख्य संपादक, अमर उजाला, कार्यालयः सी- 21, सैक्टर- 59, नोएड़ा- 201301, उŸार प्रदेश।
7.मुख्य संपादक, राजस्थान पत्रिका, कार्यालयः राजस्थान पत्रिका प्राईवेट लिमेटड़, केसरगढ़, जे॰एल॰एन॰ मार्ग, जयपुर- 302004, राजस्थान।
8.मुख्य संपादक, राष्ट्रीय सहारा, कार्यालयः 1103, सूर्य किरण बिल्ड़िंग, 19 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली- 110001
9.प्रभु चावल- संपादक, इण्डियां टुडे एण्ड गु्रप एडीटोरनल डारयेक्टर, एफ- 14ध्15 कनाट पलैस, नई दिल्ली- 110001
10.हेमन्त शर्मा- डारेयक्टर न्यूज, इन्डिपैन्डैट न्यूज सर्विस प्रावेईट लिमेटिड़, प्लाट न॰ 17 बी एण्ड सी, फिल्म सिटी, सैक्टर- 16 ए, नोएड़ा- 201301
11.सुभाष गोयंका- चेयरमैंन, जी न्यूज चेनल, बी- 10, एसल हाऊस, लारेन्स रोड़, इन्डट्रियल एरिया, नई दिल्ली- ११००३५
उपरोक्त सभी अपील पत्रों को पढ कर अगर आपको इस सोसायटी कार्यालय की जनहित अपील से सहमत है तो आप इस सोसायटी कार्यालय की इस अपील पर माननीय सभापति लोकसभा और माननीय सभापति राज्य सभा और उपरोक्त अपीलों मे दर्शायें गए माननीय नेताओं के ऊपर दबाव बनाए और विभिन्न समाचार पत्रों और समाचार दूरदर्शन इस जनहित अपील से सहमत है तो इस जनहित अपील को अपने समाचार पत्रों और अपने समाचार दूरदर्शन पर इस मुद्दे के बारे बुद्धिजीवियों और कानूनज्ञों के बीच की चर्चाएं कराकर जनता को जागरूक करके इस अपील को अधिनियम के रूप में लाने के लिए हमारे सोसायटी कार्यालय के मिशन मे सहयोग करे।
जनसाधारण से पुरजोर अपील की जाती है आप राष्ट्रपति महोदया, सभापति लोकसभा औरसभापति राज्य सभा के द्वारा की गई कार्यवाही की जनसूचनाएं मंगावाए। इसके कार्यालयों के जनसचूना अधिकारियों के पत्राचार पते निम्नलिखित है।
1.केन्द्रीय लोक जनसूचना अधिकारी एवं संयुक्त सचिव, (लोकसभा सचिवालय के केन्द्रीय लोकसूचन अधिकारी) 433, सौध, संसद भवन, नई दिल्ली।
2.निदेशक- (एम. ए.) केन्द्रीय लोकसूचना अधिकारी, राज्य सभा सचिवालय, 006, भूतल, संसदीय सौंध, संसद भवन, नई दिल्ली।
3.केन्दीय लोक जनसूचना अधिकारी, राष्ट्रपति सचिवालय, राष्ट्रपति भवन, नई दिल्ली- 110004